मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्युरो (NCB) के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने केस दर्ज कर लिया है। ईडी ने NCB के तीन और अधिकारियों को भी पुछताश के लिए तलब किया है। समीर वानखेड़े और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ NCB की आंतरिक जांच में पता चला था कि उन्होंने कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग मामले में गिरफ्तार किए गए अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की रिहाई के लिए कथित तौर पर रिश्वत की मांग की गई थी।
ED द्वारा NCB के कुछ अधिकारियों के खिलाफ समन जारी करने के बाद समीर वानखेड़े ने इसी सप्ताह के शुरुआत में हाईकोर्ट का रुख किया था और ED द्वारा कोई दंडात्मक कार्यवाई नहीं करने की मांग की थी। इससे पहले पिछले साल मई में सीबीआई द्वारा केस दर्ज कर जांच किए जाने के दौरान वानखेड़े ने हाईकोर्ट का रुख किया था जहां उस मामले में समीर वानखेड़े को नयायालय द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई थी।
क्या है पूरा मामला
ED ने पिछले साल मई में सीबीआई द्वारा की गई FIR के आधार पर भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे समीर वानखेड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में सीबीआई पहले ही जांच कर चुकी है। पूर्व एनसीबी अधिकारी वानखेड़े ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ सीबीआई की कार्यवाही एनसीबी अधिकारियों की और से उनके खिलाफ बदले की भावना के तहत की गई थी।
आपको बता दें कि एनसीबी द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले साल ही 27 मई को आर्यन खान को ड्रग मामले में बरी कर दिया था और कहा था कि वह समीर वानखेड़े द्वारा लगाए आरोप के हिसाब से किसी बड़े ड्रग-डीलिंग रैकेट का हिस्सा नहीं है। वहीं एसआईटी की जांच में पता चला कि सूचना नोट में आखिरी समय पर आर्यन खान और अरबाज मर्चेन्ट का नाम जोड़ा गया था। इसके अलावा वानखेड़े की टीम द्वारा जांच में फोन के जब्तीकरण और रिकॉर्डिंग जैसी औपचारिकताएं ठीक फॉलो नहीं की गई थी।