घर से निकलने के रास्तों को बंद करने का एक और विडिओ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस विडिओ में फलोदी के गाँव मलार के मलार-रिण के रहने वाले अलादीन का परिवार पिछले चार दिनों से घर में बंदी की तरह रहने को मजबूर है। उसके घर तक आने जाने के सारे रास्तों को तारबंदी से रोक दिया गया है जिससे उसका और उसके परिवार का घर से निकलना प्रतिबंधित जैसा हो गया है।
अलादीन का परिवार मलार रिण में काफी समय से खेती करके अपना गुजारा चला रहे है। चार दिन पहले उसके घर के आसपास भू-माफियाओं ने अलादीन के घर से गाँव और शहर जाने वाले रास्तों पर तारबंदी और बबूल डालकर सभी रास्ते बंद कर दिए है। यहाँ तक कि अलादीन अब सिर्फ मोबाईल फोन के जरिए ही बाहरी दुनिया से संपर्क कर पा रहा है।
गौरतलब है कि जोधपुर के सेखाला गाँव निवासी व्यक्ति ने अपने घर तक आने वाले रास्तों को बंद करने और आवाजाही के विकल्प बंद करने का एक वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाया गया था, जिसके बाद अलादीन ने भी मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने घर तक आने वाले मार्ग को खुलवाने के लिए प्रशासन को अवगत करवाया है।
अलादीन द्वारा जारी वीडियो में उसके द्वारा बताया जा रहा है कि उसकी ढाणी (घर) के ठीक सामने और आसपास अतिक्रमणकारियों ने तारबंदी और बबूल के पेड़ डालकर उसके घर तक आने वाले सभी रास्ते रोक दिए है जिसके कारण वह अपने परिवार के लिए रोजमर्रा की जरूरी खाद्य सामग्री भी नहीं ला सकता है। इस कारण उसका परिवार परेशानी झेलने को मजबूर है।
21वीं सदी के भारत में भी इस तरह की घटनाएं प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े करती है। अलादीन के घर से गाँव तक आने और जाने के सभी रास्ते बंद हुए चर दिन हो गए है लेकिन प्रशासन अस्थायी समाधान निकालने में भी असमर्थ रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आजकल रास्ते बंद करने के काफी मामले सामने आ रहे है जिसके बाद से घर से गाँव/शहर तक आने जाने के सभी विकल्प बंद हो जाने के बाद ऐसे विडियो सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आते है। ऐसे मामलों से ज्ञात होता है कि किस तरह से ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारी काम करते है कि गरीब अलादीन जैसे लोग राजनीति का शिकार बन जाते है। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमकारियों द्वारा गौचर भूमि तक पर कब्जा कर लिया जाता है जिसके बाद अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही न होना ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत को दिखाता है।