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REET Validity Lifetime अब रीट सर्टिफिकेट की वेलिडीटी लाइफ टाइम होगी, रीट एग्जाम के बाद एक और एग्जाम होगा

By News2Know Staff

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REET Validity Lifetime अब रीट सर्टिफिकेट की वेलिडीटी लाइफ टाइम होगी, रीट एग्जाम के बाद एक और एग्जाम होगा: 12 मार्च को हुई कैबिनेट की बैठक में रीट परीक्षा की वेलिडीटी आजीवन करने का फैसला किया गया है. इस फैसले के अनुसार रीट परीक्षा एक बार देने के बाद उसकी वैधता आजीवन रहेगी. इसके अलावा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के चयन का आधार रीट परीक्षा के बाद एक और प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन कर किया जाएगा. यह निर्णय रीट परीक्षा में धांधलियों पर रोक के मद्देनजर लिया गया है.

REET Validity Lifetime

कैबिनेट ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक अध्यापक पद की सीधी भर्ती की प्रक्रिया और पद्धति निर्धारण के लिए राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 को संशोधित करने का निर्णय किया है। मंत्रिमंडल के इस निर्णय से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक के पद पर चयन प्राधिकृत अभिकरण द्वारा प्रतियोगी परीक्षा आयोजित कर प्राप्तांकों की मेरिट के आधार पर किया जाएगा। अब तक यह चयन रीट के प्राप्तांकों के आधार पर किया जाता था। इस निर्णय से राज्य सरकार द्वारा निर्धारित संस्था से प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के अधिक योग्य अध्यापकों का चयन पूर्ण पारदर्शिता से हो सकेगा। कैबिनेट ने इसके साथ ही यह भी निर्णय किया कि प्रदेश में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा रीट’ की वैधता अब आजीवन रहेगी।

केबिनेट की बैठक में हुए कई निर्णय (Rajasthan Cabinet Meeting)

  • कैबिनेट की बैठक में जनहित में कई निर्णयरीट की वैधता अब आजीवन, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए होगी प्रतियोगी परीक्षा।
  • भू राजस्व अधिनियम की धारा 90-ए में संशोधन को मंजूरी। 8 शहरों की पेयजल योजनाओं को नगरीय निकाय से पुनः जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को हस्तातंरित करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।

मंत्रिमंडल ने व्यापक जनहित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 90-ए की उपधारा 8 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इससे 17 जून 1999 के बाद शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि पर आवास बनाकर रह रहे एवं आजीविका अर्जित कर रहे आमजन को बड़ी राहत मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 90-ए की उप धारा 8 में 17 जून, 1999 से पूर्व शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि उपयोग के लिए संपरिवर्तन किए जाने का प्रावधान है। लेकिन विगत दो दशकों में सामाजिक एवं आर्थिक वृद्धि सहित अन्य कारणों से नगरीय क्षेत्रों में तेजी से शहरीकरण हुआ है एवं कृषि भूमि पर विभिन्न अकृषि गतिविधियां विकसित हुई हैं, लेकिन इस तिथि के बाद की कृषि भूमि का संपरिवर्तन नहीं हो पा रहा है।

ऐसे में इस प्रकार की भूमि पर आवास बनाकर एवं आजीविका अर्जित कर रहे आम जन को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से संपरिवर्तन को सुगम बनाना आवश्यक है। इसके लिए 17 जून 1999 के स्थान पर इस तिथि को 31 दिसम्बर 2021 किए जाने को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। गृह निर्माण सहकारी समितियों के द्वारा 16 जून 1999 के पश्चात जारी पट्टे या भूमि आवंटन से संबंधित प्रकरणों पर यह उप धारा लागू नहीं होगी।

नर्स ग्रैड द्वितीय का पदनाम अब नर्सिंग ऑफिसर

मंत्रिमंडल ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 में संशोधन कर नर्स ग्रेड द्वितीय का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर तथा नर्स ग्रेड प्रथम का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर करने का निर्णय किया है। इससे नर्सिंग कैडर के कार्मिकों का मनोबल बढ़ेगा।

मंत्रिमंडल ने राजस्थान नगर पालिका सेवा की प्रशासनिक एवं तकनीकी सेवाओं पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से करने के लिए राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2019 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस निर्णय से इन पदों पर होने वाली भर्ती की प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से संपादित किया जा सकेगा।

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