Daily Education News & Analysis – 19 April 2022

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  • रीट धांधली की जांच करेगा ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), मनी लांड्रिन्ग का केस दर्ज।
  • परीक्षा के बाद वीक्षकों को अपने स्कूल जाना होगा।
  • वाइस प्रिन्सिपल के आधे से ज्यादा पद सीधी भर्ती से नहीं भरने से सबसे ज्यादा नुकसान झुंझुनूं व सीकर को।
  • जूनियर ऑडिटर पदों पर नौकरी के अवसर।

रीट धांधली की जांच करेगा ईडी, मनी लांड्रिन्ग का केस दर्ज

ईडी की जांच में हो सकते हैं कई अहम खुलासे, एसओजी अब तक 48 को गिरफ्तार कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की राजस्थान ब्रांच ने रीट पेपर लीक मामले में पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी जल्द ही सभी आरोपियों को समन जारी कर छापेमारी और पूछताछ कर सकती है। ईडी की एंट्री से आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह बड़ा मुद्दा बन सकता है। फिलहाल रीट मामले की जांच एसओजी कर रही है। अब तक 48 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। ईडी की जांच इस केस में कई बड़े नामों को उजागर कर सकती है।

गौरतलब है कि 10 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत लेकर भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ईडी के दफ्तर पहुंचे थे। उनके साथ रीट प्रश्न पत्र ले जाते समय हादसे में मारे गए ट्रक ड्राइवर रामनिवास गोदारा की पत्नी मनीषा जाट भी थी। सांसद मीणा ने ईडी को ज्ञापन देकर सुबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव सौंपी थी। किरोड़ीलाल मीणा ने आरोप लगाया था कि यह घोटाला 400 रुपये से ज्यादा का है। उन्होंने कहा, रीट मामले में सरकार ने सिर्फ छोटी मछलियों पर कार्यवाही की है, बड़े मगरमच्छ अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है।

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) अब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डी.पी. जारोली, कॉ-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर, रीट पेपर का सौदा करने वाले मुख्य आरोपी रामकृपाल मीणा और पेपर खरीदने वाले आरोपियों को समान जारी कर सकती है।

परीक्षा के बाद वीक्षकों को अपने स्कूल जाना होगा

पांचवीं और आठवीं की परीक्षाओं में लगे वीक्षक केवल परीक्षा के दिन ही ड्यूटी के लिए परीक्षा केंद्रों पर जाएंगे तथा उसके बाद कार्यमुक्त होकर अपने मूल पदस्थापन स्थान पर जाएंगे। फिर अगली परीक्षा से एक दिन पहले परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के इस बारे में जारी विभिन्न आदेशों तथा परिपत्रों का हवाला देते हुए मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों ने सभी परीक्षा केंद्राधीक्षकों को इसकी पालना के निर्देश दिए है।

दरअसल प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन परीक्षा पांचवीं तथा प्रारंभिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा आठवीं की परीक्षाएं एक माह तक चलेगी, जिनके बीच में काफी दिनों का अंतराल रखा गया है, जबकि इस अवधि में पांचवीं के पांच दिन तथा आठवीं के छह दिनों में पेपर होने हैं। इसके लिए विक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। विभाग की मंशा परीक्षा के दिन वीक्षकों को परीक्षा केंद्र पर रहने तथा अंतराल के दिनों में मूल स्कूल में उपस्थिति देते रहने की है, ताकि अन्य कक्षाओं की पढ़ाई बाधित नहीं हो। सभी परीक्षा केंद्राधिक्षको को इन आदेशों की पालना करने के -निर्देश दिए गए हैं।

बोर्ड परीक्षा में भी ड्यूटी दे रहे वक्षको के लिए भी माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा ऐसे ही आदेश है लेकिन इन आदेशों की पूरी तरह पालना नहीं की जा रही है. ऐसी जानकारी विभाग को मिली है। परीक्षा के लिए कार्यमुक्त हुए वीक्षक परीक्षा में ड्यूटी नहीं होने के बाद भी अपने मूल विद्यालय में उपस्थित नही हो रहे, ऐसी जानकारी मिली है।

वाइस प्रिन्सिपल के आधे से ज्यादा पद सीधी भर्ती से नहीं भरने से सबसे ज्यादा नुकसान झुंझुनूं व सीकर को

प्रदेश में शिक्षा विभाग के पदोनति नियम बदलने के बाद भी प्रदेश के शिक्षकों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है। अब नया मामला वाइस प्रिसिंपल के नव सृजित पदों को लेकर सामने आया है। मंत्रिमडल समूह ने पिछले दिनों सरकारी स्कूलों के लिए वाइस प्रिसिंपल के पदों का सृजन कर दिया। लेकिन अब इन पदों की भर्ती को लेकर विवाद सामने आ रही है। डेढ़ लाख से अधिक कार्यरत शिक्षकों के साथ बेरोजगारों का कहना है कि वाइस प्रिन्सिपल के 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान होना चाहिए। वहीं 50 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाने की मांग उठ रही है। सबसे ज्यादा नुकसान शेखावाटी को होगा। सीकर और झुंझुनूं जिले के शिक्षक व बेरोजगार सबसे ज्यादा है।

देश में 14 हजार 886 लगेंगे वाइस प्रिसिंपल: प्रदेश में शिक्षा विभाग की ओर से 14 हजार 886 पद वाइस प्रिसिंपल के सृजित किए गए हैं। वाइस प्रिसिंपल के इन पदों के लिए 54 हजार 540 व्याख्याताओं को ही अवसर मिल सकेगा। जबकि 74 हजार 807 सैकण्ड गेड और 79 हजार 2018 तृतीय श्रेणी लेवल द्वितीय के अध्यापकों का सीधी भर्ती का अवसर समाप्त हो जाएगा। शिक्षकों का कहना है कि आधे पदों में सीधी भर्ती का प्रावधान करना चाहिए।

नियमों में संशोधन से सवा लाख शिक्षकों को नुकसान: पिछले साल शिक्षा विभाग की ओर से बदले पदोन्नति के नियमों से प्रदेश के हजारों शिक्षकों की सीचे तर पर परेशानी बढ़ गई है। क्योंकि इन शिक्षकों का यूजी और पीजी में एक विषय नहीं है। जबकि व्याख्याता सीधी भर्ती में अलगअलग विषय होने पर भी सीधी भर्ती में शामिल होने का मौका मिलेगा। सबसे ज्यादा परेशानी विज्ञान व वाणिज्य संकाय के शिक्षकों के सामने है।

जूनियर ऑडिटर पदों पर नौकरी के अवसर

ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मा मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआइएमईआर), चंडीगढ़ ने सीधी भर्ती के तहत जूनियर ऑडिटर (ग्रुप सी) पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस भर्ती के जरिए कुली पदों को भरा जाएगा। इनमें से सामान्य, एससी और ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए क्रमशः 6,1 और 2 पद है। सामान्य/ओबीसी अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क के रूप में 1500 रुपए लिए जाएगे जबकि एससी अभ्यर्थियों से 800 रुपए लिए जाएंगे। दिव्यांग अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।

कम से कम 55 फीसदी अंकों के साथ बी.कॉम स्नातक अभ्यर्थी वेबसाइट pgimer.edu.in पर लॉगिन कर 5 मई तक आवेदन कर सकते हैं। 2 साल का कार्य अनुभव भी मांगा गया है। आयु 18 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को नियमानुसार आयु सीमा में छूट मिलेगी।

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